Vastu for Property (संपत्ति के लिए वास्तु) : घर बनाना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, लेकिन अगर सही जगह या सही तरीके से प्लॉट नहीं चुना गया, तो भविष्य में कई समस्याएं आ सकती हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार, भूमि और भवन की ऊर्जा व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। यदि आप एक नया प्लॉट खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन 10 महत्वपूर्ण वास्तु नियमों को ध्यान में रखना जरूरी है।
Vastu for Property : प्लॉट का आकार और दिशा महत्वपूर्ण है
- वास्तुशास्त्र के अनुसार, चौकोर और आयताकार प्लॉट सबसे अच्छे माने जाते हैं।
- अनियमित आकार के प्लॉट में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है।
- उत्तर और पूर्व दिशा में झुका हुआ प्लॉट शुभ माना जाता है।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर झुका हुआ प्लॉट समस्याएं ला सकता है।
उदाहरण
रामनगर में एक व्यापारी ने तिरछे आकार का प्लॉट लिया और वहाँ घर बनाया, लेकिन कुछ ही वर्षों में व्यापार में नुकसान होने लगा। जब वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श किया गया, तो पता चला कि प्लॉट की दिशा और आकार में दोष था।
प्लॉट की भूमि कैसी होनी चाहिए?
- ज़मीन का रंग हल्का भूरा या हल्का पीला शुभ होता है।
- ज़मीन बहुत कठोर या बहुत मुलायम नहीं होनी चाहिए।
- भूमि की मिट्टी अगर उपजाऊ हो, तो वह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।
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भूमि जांचने का तरीका
विशेषता | शुभ या अशुभ |
---|---|
हल्की और उपजाऊ मिट्टी | शुभ |
लाल या काली मिट्टी | अशुभ |
बहुत अधिक चट्टानी या रेतीली भूमि | अशुभ |
जल स्रोत वाली भूमि | शुभ |
प्लॉट के आसपास का वातावरण
- आसपास अस्पताल, श्मशान, जेल, या कोई नकारात्मक ऊर्जा वाला स्थान नहीं होना चाहिए।
- प्लॉट के पास बड़ी नहर या गंदा जल स्रोत नहीं होना चाहिए।
- हरियाली और खुला वातावरण शुभ माना जाता है।
उदाहरण
दिल्ली में एक परिवार ने श्मशान के पास एक प्लॉट खरीदा और वहाँ बस गए, लेकिन कुछ समय बाद मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं से घिर गए।
प्लॉट का ऊंचाई और नीचाई स्तर
- जिस प्लॉट पर मकान बनाया जाए, वह आस-पास की जमीन से थोड़ा ऊँचा होना चाहिए।
- अगर प्लॉट नीचा होगा, तो जलभराव की समस्या होगी और नकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
- उत्तर और पूर्व दिशा ऊँची हो और दक्षिण-पश्चिम दिशा नीची हो, तो यह शुभ होता है।
प्लॉट पर पेड़-पौधों की स्थिति
- पीपल और बरगद के पेड़ प्लॉट पर नहीं होने चाहिए, क्योंकि वे भारी ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
- तुलसी, आम, नीम, और आंवला जैसे पेड़ शुभ माने जाते हैं।
- प्लॉट पर कांटेदार पेड़ और सूखी झाड़ियाँ नहीं होनी चाहिए।
प्लॉट का प्रवेश द्वार और दिशा
- पूर्व और उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार होना सबसे शुभ माना जाता है।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा का प्रवेश द्वार दुर्भाग्य ला सकता है।
- प्रवेश द्वार के पास गंदगी, टूटे हुए पत्थर, या कूड़ा-कचरा नहीं होना चाहिए।
प्लॉट के पास कोई कटाव या सड़क का टकराव
- यदि प्लॉट के सामने किसी सड़क का सीधा टकराव होता है, तो यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है।
- टी-जंक्शन पर स्थित प्लॉट में आर्थिक और मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं।
- कोने के प्लॉट शुभ माने जाते हैं, लेकिन सही दिशा में होना जरूरी है।
प्लॉट के आसपास जल स्रोत का महत्व
- पूर्व या उत्तर दिशा में जल स्रोत (तालाब, नदी, झरना) होना शुभ होता है।
- दक्षिण या पश्चिम दिशा में जल स्रोत होने से धन हानि हो सकती है।
- कुएं, बोरवेल, और पानी की टंकी की सही स्थिति का ध्यान रखना आवश्यक है।
भूमि पर पुराने निर्माण का प्रभाव
- अगर प्लॉट पर पहले कोई पुराना खंडहर या टूटी-फूटी इमारत हो, तो इसे पूरी तरह साफ करवाना चाहिए।
- किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए भूमि पूजन और शुद्धिकरण जरूरी होता है।
वास्तु दोष का निवारण
- यदि किसी कारणवश वास्तु दोष वाला प्लॉट खरीद लिया गया है, तो निम्न उपाय किए जा सकते हैं:
- घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक और मंगल यंत्र लगाएं।
- नियमित हवन और वास्तु पूजन करें।
- भूमि पर गौमूत्र और गंगाजल छिड़क कर शुद्धिकरण करें।
- तुलसी का पौधा लगाना सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
प्लॉट खरीदते समय केवल कीमत या स्थान ही नहीं, बल्कि वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। सही प्लॉट चुनने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, जबकि गलत स्थान पर घर बनाने से जीवन में कई प्रकार की परेशानियां आ सकती हैं। इसलिए, इन वास्तु नियमों का पालन करके ही प्लॉट खरीदने का निर्णय लें।
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प्लॉट का ऊंचाई और नीचाई स्तर
जिस प्लॉट पर मकान उत्तर और पूर्व दिशा ऊँची हो और दक्षिण-पश्चिम दिशा नीची हो, तो यह शुभ होता है।
यह सर्वथा उल्टा विवरण है
प्लॉट का ऊंचाई और नीचाई स्तर
जिस प्लॉट पर मकान उत्तर और पूर्व दिशा ऊँची हो और दक्षिण-पश्चिम दिशा नीची हो, तो यह शुभ होता है।
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